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रसायन शास्त्र 

पाठ 1  हमारे परिवेश में  प्रधात 


हमारे चारो तरफ अनेक प्रकार की चीजे जाती है जिन्हें हम देखते है या अनुभव करते हैं। उदाहरण के लिए, अपने सामने रखी पुस्तक को हम देख सकते हैं। यह पुस्तक कुछ स्थान मेरे रहती है। पुस्तक द्वारा अधिकृत स्थान इसका आयतन कहलाता है। पुस्तक को ऊपर उठाने में हमें कुछ बल लगाना पड़ता है। इससे ज्ञात होता है कि इसमें कुछ भार भी है। अतः पुस्तक का अपना कुछ व्यमान भी होता है।


प्रयोग करना पड़ता है। अतः पदार्थ को निम्नलिखित प्रकार से पदार्थ की भौतिक प्रकृति


परिभाषित किया जा सकता है।


चित्र 1.1 पदार्थ के उदाहरण


हमारे परिवेश के पदार्थ


कोई भी वस्तु जो कुछ स्थान घरे, जिसमें मान एवं आफ्नो और जो करे, पदार्थ कहलाती है।


। द्रव्य क्या है? (2) दिवा एक प्रकार का पद है जिसे किसी भी भौतिक प्रक्रिया की


हम अपने चारों ओर फैले वायु को नहीं देख सकते है, सहायता से पदार्थ के अन्य प्रकारों में विभक्त नहीं किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, चीनी एक है। जल में विलीन को तौलकर उसका वजन ले, फिर से वायु भरकर उसका वजन चीनी को जल का सिर्फ करके प्राप्त किया जा सकता है। वायन के फलस्वरूप प्राप्त चीनी और मूल चीनी में बैलून द्वारा घिरे स्थान के वायु का आयतन भी होता है। कोई अंतर होता है, तभी एक द्रव्य है जो माल भौतिक निधि से अपने अवयवों में विभक्त नहीं होती। इस कार सोडियम क्लोराइड, चूना, बूना पत्थर आदि भी द्रव्य के


करा अनुभव हमे हर क्षण होता है। यदि एक रिक्त बैलून


तो पता चलता है कि वायु में भार भी होता है। इसके अतिरिक्त


पुस्तक एवं वायु जैसी चीजे पदार्थ के उदाहरण है। पदार्थ के अन्य


उदाहरण है लकड़ी, कपड़ा, कागज, बर्फ, स्टील, जल, तेल


आदि।


किसी वस्तु को एक स्थान से दूसरे स्थान पर लाने अथवा से


उदाहरण है।


इसके विपरीत, दूध शुद्ध द्रव्य नहीं है क्योंकि यह जल, जाने के लिए कुछ बल का प्रयोग करना पड़ता है। इससे ज्ञात वसा, प्रोटीन आदि का मिश्रण है। इसी प्रकार, समुद्र का जल, होता है कि पदार्थ अवरोध (resistance) भी उत्पन्न करता है। मिट्टी, खनिज, कोयला आदि भी मिश्रण है, शुद्ध द्रव्य नहीं।



जमीन से पत्थर का एक टुकड़ा उठाने के लिए हमें थोड़ा वका


1. पदार्थ कणों का बना होता है। प्राचीन काल के दार्शनिकों का मत था कि पदार्थ लकड़ों की एक गुटिका की तरह अनवरत होता है, इसमें छोटे-छोटे कण नहीं होते। किंतु पदार्थ अलग-अलग (discrete) छोटे-छोटे का बना होता है।


कार्यकलाप एक. बीकर में आधा जल भर ले बोकर में जल का स्तर चिह्नित कर दें। अब इस जल में घोड़ी चीनी डाले और कॉ की छड़ (glass] rod) की सहायता से उसे चलाकर भुला दें। आ देखेंगे कि चोनी जल में लुप्त हो गई है, किंतु बीकर में जल क स्तर अपरिवर्तित रहता है। जय पता करें कि चीनी कहाँ लुप्त गई है? वस्तुतः पार्थ की संरचना अनवरत नहीं होती, बा यह कणों की बनी होती है। चीनी में अनेक अलग-अलग का होन है। इसी प्रकार जल भी अलग-अलग कणों का बना होता है धीनी के कण जल के कणों के मध्य उपलब्ध रिक्त स्थानों में स जाते है। यही कारण है कि बोकर में जल का स्तर ऊपर नहीं

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